अनोखे एहसास
मंगलवार, 11 अक्टूबर 2016
विजयदशमी मंगलमय हो!
"मन की लंका में पल रहा, विकारी-रावण जल जाए ।
हो रही कैद 'शक्ति-सीता', उत्साही राम से मिल जाए॥
आपके जीवन में चहुँ ओर, समृद्धि रामराज्य सी हो,
मन की रणभूमि में चल रहे, हजारों युद्ध थम जाए ॥"
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